Palanhar Scheme: पालनहार योजना राजस्थान में अनाथ बच्चों को मिलेगी ₹2500 की आर्थिक सहायता, जानें आवेदन प्रक्रिया :राजस्थान सरकार द्वारा निराश्रित और अनाथ बच्चों के कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। पालनहार योजना के नाम से जानी जाने वाली इस कल्याणकारी योजना के तहत राज्य सरकार उन बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है जिनके माता-पिता नहीं हैं या जो किसी कारणवश अपने बच्चों की देखभाल करने में असमर्थ हैं। यह योजना न केवल बच्चों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है बल्कि उन्हें पारिवारिक वातावरण में पालन-पोषण का अवसर भी देती है।
पालनहार योजना की शुरुआत 8 फरवरी 2005 को की गई थी और तब से अब तक हजारों बच्चों को इसका लाभ मिल चुका है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य अनाथ और निराश्रित बच्चों को संस्थागत देखभाल की बजाय पारिवारिक वातावरण में पालन-पोषण की सुविधा प्रदान करना है। राज्य सरकार का यह मानना है कि बच्चों का विकास परिवारिक माहौल में बेहतर तरीके से हो सकता है।
योजना के तहत मिलने वाली सहायता राशि
पालनहार योजना के अंतर्गत बच्चों की आयु के अनुसार अलग-अलग राशि प्रदान की जाती है। 0 से 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए प्रतिमाह ₹500 की राशि दी जाती है, जबकि 6 से 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों को ₹1000 प्रतिमाह की सहायता राशि मिलती है। इसके अतिरिक्त सभी श्रेणियों के बच्चों को वार्षिक सहायता के रूप में ₹2000 की राशि भी प्रदान की जाती है। यह राशि सीधे पालनहार के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।
कौन से बच्चे हैं पात्र
पालनहार योजना के तहत विभिन्न श्रेणियों के बच्चे पात्र हैं। इनमें अनाथ बच्चे, मृत्यु दंड या आजीवन कारावास पाए हुए अभिभावकों के बच्चे, निराश्रित पेंशन प्राप्त विधवा के अधिकतम 3 बच्चे, पुनर्विवाह करने वाली विधवा के पूर्व पति से उत्पन्न बच्चे शामिल हैं। इसके अलावा HIV/AIDS से पीड़ित माता-पिता के बच्चे, कुष्ठ रोग से पीड़ित माता-पिता के बच्चे, तलाकशुदा या परित्यक्ता महिला के बच्चे भी इस योजना के तहत लाभ उठा सकते हैं।
विकलांग अभिभावकों के बच्चे तथा नाता प्रथा में छोड़ी गई महिला के बच्चे भी इस योजना के पात्र हैं। यह व्यापक पात्रता सूची यह दर्शाती है कि राजस्थान सरकार समाज के हर वर्ग के जरूरतमंद बच्चों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
योजना के मुख्य उद्देश्य
पालनहार योजना का प्राथमिक उद्देश्य अनाथ और निराश्रित बच्चों को संस्थागत देखभाल की बजाय पारिवारिक वातावरण में पालन-पोषण की सुविधा प्रदान करना है। यह योजना बच्चों को सामाजिक और भावनात्मक सुरक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण संबंधी जरूरतों को भी पूरा करने में सहायक है। सरकार का मानना है कि इस योजना के माध्यम से बच्चों को गरीबी और अकेलेपन की स्थिति से बाहर निकालकर समाज की मुख्यधारा में शामिल किया जा सकता है।
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज
योजना में आवेदन करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। इनमें बालक का जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पालनहार का पहचान पत्र, स्कूल या आंगनबाड़ी पंजीकरण प्रमाण शामिल हैं। जहां लागू हो, वहां मृत्यु प्रमाण पत्र भी आवश्यक है। यह दस्तावेज सुनिश्चित करते हैं कि केवल योग्य और पात्र बच्चों को ही योजना का लाभ मिले।
आवेदन प्रक्रिया
पालनहार योजना के लिए आवेदन की प्रक्रिया बेहद सरल और पारदर्शी है। इच्छुक आवेदक राजस्थान सरकार की आधिकारिक वेबसाइट https://sje.rajasthan.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। पहले पालनहार योजना के सेक्शन में जाना होगा और फिर ऑनलाइन एप्लीकेशन लिंक पर क्लिक करना होगा। इसके बाद भामाशाह या जन आधार नंबर से लॉगिन करके आवेदन फॉर्म भरना होगा।
आवेदन फॉर्म भरते समय सभी आवश्यक जानकारी सही-सही भरनी चाहिए और सभी जरूरी दस्तावेज अपलोड करने चाहिए। आवेदन सबमिट करने के बाद रसीद या क्रमांक को सुरक्षित रखना चाहिए क्योंकि यह भविष्य में आवेदन की स्थिति जांचने के काम आएगा।
पालनहार योजना राजस्थान सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है जो निराश्रित और अनाथ बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में सफल साबित हो रही है। यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है बल्कि बच्चों को एक सुरक्षित और स्नेहपूर्ण वातावरण में पालन-पोषण का अवसर भी देती है।